इस इश्क़ ओ जुनूँ में न गरेबान का डर है's image
0103

इस इश्क़ ओ जुनूँ में न गरेबान का डर है

ShareBookmarks

इस इश्क़ ओ जुनूँ में न गरेबान का डर है

ये इश्क़ वो है जिस में हमें जान का डर है

आसाँ नहीं दरिया-ए-मोहब्बत से गुज़रना

याँ नूह की कश्ती को भी तूफ़ान का डर है

बाज़ार से गुज़रे है वो बे-पर्दा कि उस को

हिन्दू का न ख़तरा न मुसलमान का डर है

दिल ख़ून मैं तड़पे है तिरे तीर-ए-निगह से

पर उस पे भी ज़ालिम तिरे पैकान का डर है

दरबान भी याँ कच्चे घड़े पानी भरे है

वो हैं हमीं याँ जिन को कि दरबान का डर है

वो शोख़ कहीं वक़्त-ए-नमाज़ आन न निकले

ऐ 'मुसहफ़ी' मुझ को उसी शैतान का डर है

Read More! Learn More!

Sootradhar