डॉ0 गर्ग का जन्म 29 मई, 1937 को देहरादून (उत्तराखंड) में हुआ था. वे हिंदी के कवि, व्यंगकार, आलोचक थे. डॉ. शेरजंग की हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में प्रसिद्धि इनके शोध प्रबंध 'स्वातंत्र्योत्तर हिंदी कविता में व्यंग्य' के कारण विशेष रूप से है। इस ग्रंथ को हिंदी हास्य-व्यंग्य की विधिवत आलोचना का आरंभिक बिंदु माना जा सकता है। डॉ. शेरजंग गर्ग ने इस ग्रंथ तथा अपनी एक अन्य पुस्तक 'व्यंग्य आलोचना के प्रतिमान' द्वारा व्यंग्य की गंभीर आलोचना को एक दिशा देने का प्रयत्न किया है। सम्मान हिन्दी में उत्कृष्ट व्यंग्य-लेखन एवं शोधकार्य के लिए डॉ0 शेरजंग गर्ग को पहला 'व्यंग्यश्री सम्मान' प्रदान किया गया।सन २०१५ में डॉ0 गर्ग को बाल साहित्य के क्षेत्र महत्वपूर्ण योगदान के लिए बाल सहित्य अकादमी से सम्मानित किया गया।