आता है किस अंदाज़ से टुक नाज़ तो देखो's image
0154

आता है किस अंदाज़ से टुक नाज़ तो देखो

ShareBookmarks

आता है किस अंदाज़ से टुक नाज़ तो देखो

किस धज से क़दम पड़ता है अंदाज़ तो देखो

ताऊस-ए-परी-जल्वा को ठुकरा के चले है

अंदाज़-ए-ख़िराम-ए-बुत-ए-तन्नाज़ तो देखो

यक जुम्बिश-ए-लब उस की ने लाखों को जिलाया

ईसा को ये क़ुदरत थी तुम ए'जाज़ तो देखो

करता हूँ मैं दुज़्दीदा-नज़र गर कभी उस पर

नज़रों में परख ले है नज़र-बाज़ तो देखो

मैं किंगरा-ए-अर्श से पर मार के गुज़रा

अल्लाह-रे रसाई मिरी पर्वाज़ तो देखो

ऐ वाए कि इस सई पर अपनी कभी उस से

साज़िश न हुई ताला-ए-ना-साज़ तो देखो

क्या बोलने में उस बुत-ए-काफ़िर की अदा है

शीरीं-सुख़नी इक तरफ़ आवाज़ तो देखो

अबतर है ये दीवाँ तो मियाँ-'मुसहफ़ी' सारा

अंजाम की क्या कहते हो आग़ाज़ तो देखो

Read More! Learn More!

Sootradhar