
जब ईश्वर मर जाएगा
नीत्शे भी और मैं भी
मरने का सवाल बचा रहेगा
राजा मरेगा
राजा का सिपाही मरेगा
और मर जाएगा राजा के पैरों में गिरा किसान
नहीं मरेगा फ़र्क़ राजा और किसान का (या सिपाही का)
बनिया मरेगा
बनिए का बाप मरेगा और बनिए के क़र्ज़ तले
दबकर मरेगा ग़रीब
नहीं मरेगी क़र्ज़ की एक रस्सी
प्रेम में डूबा एक युवा जोड़ा मरेगा
प्रेमिका का भाई मरेगा
प्रेमी की माँ मरेगी तड़पकर
बची रहेगी मूँछ की धार (और जाति)
कवि मरेगा
पाठक मरेगा
मर जाएगा पुरस्कार वितरक
जीवित रहेगी पाने की लालसा
अस्पताल के बच्चे मरेंगे
अस्पताल के मालिक भी मरेंगे
जीवित रहेगा अगस्त (जब मरते हैं बच्चे)
जनता की लाशें गिनते
मरेगी सरकार भी
नहीं मरेगी गिनतियों की कालाबाज़ारी
रोज़ ही मरेगा प्यार
मरते रहेंगे मैं और तुम
सिसिफस के शिलाखंड की तरह
हमेशा ही कंधे पर चढ़ा
जीवित रहेगा दुःख़।
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