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अति अनियारे मनौ सान दै सुधारे

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अति अनियारे मनौ सान दै सुधारे,

महा विष के बिषारे ये करत पर तान हैं।

ऐसे अपराधी देख अगम अगाधी यहै,

साधना जो साधी हरि हिय में अन्हात हैं॥

बार-बार बोरे याते लाल-लाल डोरे भए,

तौ हूँ तो रहीम थोरे बिधि ना सकात हैं।

घाइक घनेरे, दुखदाइक हैं नेरे नित,

नैन-बान तेरे उर बेधि-बेधि जात हैं॥

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Sootradhar