लहरों की हलचल
सीने पे मेरे रख हाथ अपना
दिल की धड़कन सुनाई देगी
कितना मचलता है मन का समंदर
लहरों की हलचल तुझसे कहेगी
रूठी हुई मंज़िल, उलझीं हुई राहें
मेरे तनहा सफ़र की कहानी कहेगी
मन में अंधेरे हों, उदासी ने घेरे हों
भरी रंगीन महफ़िल भी सूनी लगेगी
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