
युद्ध तुमने स्वयं चुना
इस बार भी पहल तुम्हारी थी
बताओ क्यूँ पहलगाम में
निर्दोषों को गोली मारी थी?
डाल मजहबी रंगों के छींटें
गुमराह करने की फ़िराक़ थी
फ़क़त नफ़रतों के बीज बोना
और मंशा तुम्हारी नापाक थी
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युद्ध तुमने स्वयं चुना
इस बार भी पहल तुम्हारी थी
बताओ क्यूँ पहलगाम में
निर्दोषों को गोली मारी थी?
डाल मजहबी रंगों के छींटें
गुमराह करने की फ़िराक़ थी
फ़क़त नफ़रतों के बीज बोना
और मंशा तुम्हारी नापाक थी