बस तुम साथ देना…
ग़म के अंधेरे हों
बेचैनी ने घेरे हों
जब ख़ुशियों पर पहरे हों
बस तुम साथ देना…
विकट परिस्थिति आए
जब कदम डगमगाये
कोई हल समझ ना आए
बस तुम साथ देना…
भोर या हो साँझ की बेला
तन्हाई या हो मेलाRead More! Earn More! Learn More!
बस तुम साथ देना…
ग़म के अंधेरे हों
बेचैनी ने घेरे हों
जब ख़ुशियों पर पहरे हों
बस तुम साथ देना…
विकट परिस्थिति आए
जब कदम डगमगाये
कोई हल समझ ना आए
बस तुम साथ देना…
भोर या हो साँझ की बेला
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