आओ, हर घर तिरंगा लहराए
मिलकर अब नया इतिहास रचाए
आओ, हर घर तिरंगा लहराए ।
अब रोग मुक्त हो हर गाँव शहर
चले देश भर शिक्षा की लहर
हर तन वस्त्र हर उदर संतुष्ट हो
आचार प्रणाली ना कोई भ्रष्ट हो
‘स्त्री’की मर्ज़ी का सम्मान हो
कन्या जन्म पर अभिमान हो
अनागत समय ‘अमृत काल’ कहलाए
आओ, हर घर तिरंगा लहराए ।
यहाँ नित नए उद्योगों की नीवं डले
राष्ट्र ‘आत्मनिर्भर’ पथ पर चले
विकास परियोजना गतिशील हो
भविष्य भारत का उन्नतिशील हो
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