
लौट आया कर ऐ दिल गुमराह राहों से ,
सिर्फ चलने से मंजिलें नहीं मिला करती ,
पल भर में बदल जातें हैं लोग यहां अब ,
वफ़ा के बदले में वफ़ा नहीं मिला करती ,
हर कदम में चालाकियों के चेहरे रहते हैं ,
बातों से तसल्ली अब नहीं मिला करती ,
लोग मतलबी होकर मतलब निकालते हैं ,
हर किसी से उम्मीदें भी नहीं मिला करती ,
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