
एक दिन,
सब दर्द और दास्तानें ख़त्म होंगी,
सारे ज़ख़्म और ज़ुल्म,
फूल लगने लगेंगे,
हार और नाउम्मीदियाँ,
हिम्मत बन जाएँगी,
सारे अंधेरे और उदासियाँ,
रोशन हो जाएँगे,
और मोहब्बत,
तुमको चुनेगी,
तो जब तक, वो
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एक दिन,
सब दर्द और दास्तानें ख़त्म होंगी,
सारे ज़ख़्म और ज़ुल्म,
फूल लगने लगेंगे,
हार और नाउम्मीदियाँ,
हिम्मत बन जाएँगी,
सारे अंधेरे और उदासियाँ,
रोशन हो जाएँगे,
और मोहब्बत,
तुमको चुनेगी,
तो जब तक, वो