एक दिन। एक दिन ये सब ख़त्म हो जाएगा। सब कुछ ख़त्म हो जाएगा। अंधेरा, उजाला, सुख, दुःख, लगाव, नफ़रत, शोहरत, नाम, दोस्ती, दुश्मनी, तुम जो पाना चाहते हो, उसकी दौड़, तुमने जो पा लिया है, उसका संतोष, तुम जो नहीं पा सके, उसका अफ़सोस, सब ख़त्म हो जाएगा। यही बस एक मात्र सच है। कि एक दिन वो सब ख़त्म हो जाएगा जो तुम्हें लगा था कि कभी ख़त्म नही होगा। और अंत के आख़री क्षणो में जब तुम ज़िंदगी को सच के दर्पण में देखोगे, तो तुम्हें, इनमे से कुछ भी याद नहीं आएगा। तुम्हें याद आएँगी, बस कुछ आँखे, गर्म, भीगी हुई, जो तुमसे कुछ कह रही थी, पर तुमने सुना ही नहीं। तुम्हें याद आएँगी कुछ आवाज़ें, जो तुमने सुनी और अनसुनी कर दी। तुम्हें याद आएंगे कुछ चेहरे, जिनको तुमने ज़िंदगी की होड़ में पीछे छोड़ दिया। तुम्हें याद आएँगी वो बातें, जो की जा सकती थी, पर तुमने की ही नहीं। तुम्हें