प्रेम लीला's image
383K

प्रेम लीला

शब्द पढ़े, 
फुहारों से,
थी कुछ बूँदें भर,
जिनकी कहानी,
फव्वारे के 
पाइप के पीछे,
जुड़ी बहती नदी,
में तिर कर,
कण कण पिघल,
उत्तर के पर्वत शिखरों,
से फिसले बरफ के,
कतरों सी,
उड़ी थीं देश विदेश,
बादलों पर लद कर,
जो कुछ फाये भाप के,
लह
Read More! Earn More! Learn More!