शब्द और शब्द | कविता's image
0918

शब्द और शब्द | कविता

ShareBookmarks

समा जाता है
श्वास में श्वास
शेष रहता है
फिर कुछ नहीं
इस अनंत आकाश में
शब्द ब्रह्म ढूँढ़ता है
पर-ब्रह्म को

शब्द में अर्थ नहीं समाता
समाया नहीं
समाएगा नहीं
काम आया है वह सदा
आता है
आता रहेगा
उछालने को
कुछ उपलब्धियाँ
छिछली अधपकी

Read More! Learn More!

Sootradhar