![शब्द और शब्द | कविता's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/Screenshot_2020-06-21_at_10.41.52_PM.png)
समा जाता है
श्वास में श्वास
शेष रहता है
फिर कुछ नहीं
इस अनंत आकाश में
शब्द ब्रह्म ढूँढ़ता है
पर-ब्रह्म को
शब्द में अर्थ नहीं समाता
समाया नहीं
समाएगा नहीं
काम आया है वह सदा
आता है
आता रहेगा
उछालने को
कुछ उपलब्धियाँ
छिछली अधपकी
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