नल करे छल's image
0270

नल करे छल

ShareBookmarks

नल करे छल
तो तज सकें दमयंती,
राम कहे 'जल'
तो छोड़ सकें सीता
रची जाएगी जब पृथ्वी पर
ऐसी संहिता

तब
आकाशगंगा की नक्षत्र-माला में चमकतें
सप्तर्षि नक्षत्र के छोर पर
कवि रावजी के पिछले बरामदे जैसा
धुँधला, टिमटिमाता
अरुंधती का तारा
खिल उठेगा मोगरे की तरह
तेज से छलछलाता...

मूल गुजराती से अनुवाद : स्वयं कवयित्री द्वारा

 

Read More! Learn More!

Sootradhar