राजधानी में बैल 1's image
0124

राजधानी में बैल 1

ShareBookmarks


बादलों को सींग पर उठाए
खड़ा है आकाश की पुलक के नीचे

एक बूँद के अचानक गिरने से
देर तक सिहरती रहती है उसकी त्वचा

देखता हुआ उसे
भीगता हूँ मैं

देर तक ।

Read More! Learn More!

Sootradhar