खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार's image
0191

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार

ShareBookmarks

खुले तुम्हारे लिए हृदय के द्वार
अपरिचित पास आओ

आँखों में सशंक जिज्ञासा
मिक्ति कहाँ, है अभी कुहासा
जहाँ खड़े हैं, पाँव जड़े हैं
स्तंभ शेष भय की परिभाषा
हिलो मिलो फिर एक डाल के
खिलो फूल-से, मत अलगाओ

सबमें अपनेपन की माया
अपने पन में जीवन आया

Read More! Learn More!

Sootradhar