दिन ये फूल के हैं's image
0305

दिन ये फूल के हैं

ShareBookmarks

दिन ये फूल के हैं
मत जाना चले कहीं भूल के

दिन ये फूल के हैं


किए मन के सिंगार

सामने कचनार

आम के बौर कहते हैं

देखो बहार

हाल ऎसे ही कुछ

अब बबूल के हैं


कोई रूठे मनाओ

जाओ जाओ अपनाओ

इस हवा की समझ से

सभी को समझाओ

कितने दिन फूल मंदिर

में धूल के हैं


आ गई वह कली

आज अपनी गली

कल जो आई थी

पहचान पा कर खिली

प्राण धारा के हैं

कहाँ कूल के हैं

 

Read More! Learn More!

Sootradhar