अधिभूत's image
0125

अधिभूत

ShareBookmarks

अधिभूत
मदन के शर केवल पाँच हैं
बिंध गए सब प्राण, बचा नहीं
हृदय एक कहीं, अधिभूत की
नियति है, यति है, गति है, यही ।

Read More! Learn More!

Sootradhar