ग़ुलामी में नहीं है इनमें बचने का कोई चारा's image
0335

ग़ुलामी में नहीं है इनमें बचने का कोई चारा

ShareBookmarks


ग़ुलामी में नहीं है इनमें बचने का कोई चारा
यह लड़ते है जहाँ से और हम पर बोझ है सारा

बजाने के लिए अपनी जहाँगीरी का नक़्क़ारा
हमारी खाल खिंचवाते हैं, देखो तो यह नज़्ज़ारा

बज़ाहिर है करमपर्वर, ब बातिन हैं सितमआरा
यह अपनी ज़ात की ख़ातिर हैं सबकी जान के दुश्‍मन

हैं ख़ू आगाम हर हैवान के, इंसान के दुश्‍मन
कभी हैं चीन के दुश्‍मन, कभी ईरान के दुश्‍मन

हमारे दोस्‍त भी कब हैं, जो हैं जापान के दुश्‍मन
उसे बन्‍दूक़ से मारा तो हमको भूख से मारा

Read More! Learn More!

Sootradhar