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फिर चाहो तुम जितनी अन-बन कर लेना

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फिर चाहो तुम जितनी अन-बन कर लेना
लेकिन पहले मुझ को दर्पन कर लेना

बोसा करने जब मैं आगे बढ़ जाऊँ
तुम भी टेढ़ी अपनी गर्दन कर लेना

जान हँसी को अपनी छोटी उँगली कर
ग़म को मेरे फिर गोवर्धन कर लेना

मेरी धड़कन तेज़ चलानी है तुम को
थोड़ी धीमी अपनी धड़कन कर लेना

जिस महफ़िल में केवल हम दोनों होंगे
उस महफ़िल का तुम संचालन कर लेना

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Sootradhar