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याद - अज्ञेय

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(1)

कैसे कहूँ कि
किसकी याद आई?
चाहे तड़पा गई।

(2)

याद उमस
एकाएक घिरे बादल में
कौंध जगमगा गई।

(3)

भोर की प्रथम किरण फीकी :
अनजाने जागी हो
याद किसी की--
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Sootradhar