हवाएँ चैत की's image
0295

हवाएँ चैत की

ShareBookmarks

बह चुकी बहकी हवाएँ चैत की
कट गईं पूलें हमारे खेत की
कोठरी में लौ बढ़ा कर दीप की
गिन रहा होगा महाजन सेंत की।

Read More! Learn More!

Sootradhar