जुदा वो होते तो हम उन की जुस्तुजू करते's image
0186

जुदा वो होते तो हम उन की जुस्तुजू करते

ShareBookmarks

जुदा वो होते तो हम उन की जुस्तुजू करते
अलग नहीं हैं तो फिर किस की आरज़ू करते।

मिला न हम को कभी अर्ज़-ए-हाल का मौक़ा
ज़बाँ न चलती तो आँखों से गुफ़्तुगू करते।

अगर ये जानते हम भी उन्हीं की सूरत हैं
कमाल-ए-शौक़ से अपनी ही जुस्तुजू करते।

जो ख़ाक चाक-ए-जिगर है तो पुर्ज़े पुर्ज़े दिल
जुनूँ के होश में किस किस को हम रफ़ू करते।

दिल-ए-हज़ीं के मकीं तू अगर सदा देता
तिरी तलाश कभी हम न कू-ब-कू करते।

कमाल-ए-जोश-ए-तलब का यही तक़ाज़ा है
हमें वो ढूँडते हम उन की जुस्तुजू करते।

नमाज़-ए-इश्क़ तुम्हारी क़ुबूल हो जाती
अगर शराब से तुम ऐ 'रतन' वज़ू करते।

Read More! Learn More!

Sootradhar