![दर्दों का घेरा's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/73e27d86-5f0e-4864-9187-6712jhbhjhbhbhj_bhbuuybvty_t6c8887f9.jpg)
दर्दों का घेरा
हर दुख लगा जग में मेरा है,
इस तरह दर्दों का घेरा है।
कभी अपना भी दूर जाता रहा
मैं अकेला स्वयं को भुलाता रहा
यहाँ सुख के संग संग ही दुख का बसेरा है
इस तरह दर्दों का घेरा है।
मैं तो तिल-तिल ही निज को जलाता रहा,
ठोकरें हर कदम पर भी खाता रहा।
मेरे दर्दों का लगा आज मेला है,
इस तरह दर्दों का घेरा है।
जिंदगी-मौत दोनों ही संग संग रहे,
जाने जीवन में कितने थपेड़े सहे।
हर थपेड़ा हुआ आज मेरा है,
इस तरह दर्दों का घेरा है।
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