![शीला : आइने में's image](/images/post_og.png)
मैंने कब नहीं कहा, वह बदसूरत लड़की
अपना चेहरा सुबह में भी देखती नहीं?
मैंने कब नहीं कहा, मेरे दस नाख़ून
उसकी खुरदरी जाँघों से कालापन
खरोचने लगते हैं? मैंने कब नहीं कहा,
मेरे साथ उसका होना, बार-बार
ऐसे ही होते रहना, काले आइने में नहीं,
धुएँ के सुलगते घर में होताहै?
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