हमारी भाषा's image
0651

हमारी भाषा

ShareBookmarks

हमारी भाषा
भाषा में पुकारे जाने से पहले वह एक चिडि़या थी बस
और चिडि़या भी उसे हमारी भाषा ने ही कहा
भाषा ही ने दिया उस पेड़ को एक नाम
पेड़ हमारी भाषा से परे सिर्फ एक पेड़ था
और पेड़ भी हमारी भाषा ने ही कहा उसे
इसी तरह वे असंख्‍य नदियॉं झरने और पहाड़
कोई भी नहीं जानता था शायद
कि हमारी भाषा उन्‍हें किस नाम से पुकारती है

उन्‍हें हमारी भाषा से कोई मतलब न था
भाषा हमारी सुविधा थी
हम हर चीज को भाषा में बदल डालने को उतावले थे
जल्‍दी से जल्‍दी हर चीज़ को भाषा में पुकारे जाने की ज़िद
हमें उन चीज़ों से कुछ दूर ले जाती थी
कई बार हम जिन चीज़ों के नाम जानते थे
उनके आकार हमें पता नहीं थे
हम सोचते थे कि भाषा हर चीज़ को जान लेने का दरवाज़ा है
इसी तर्क से कभी कभी कुछ भाषाऍं अपनी सत्‍ता कायम कर लेती थीं
कमजोरों की भाषा कमजोर मानी जाती थी और वह हार जाती थी
भाषाओं के अपने अपने अहँकार थे

पता नहीं पेड़ों, पत्‍थरों, पक्षियों, नदियों, झरनों, हवाओं और जानवरों के पास

अपनी कोई भाषा थी कि नहीं
हम लेकिन लगातार एक भाषा उनमें पढ़ने की कोशिश करते थे
इस तरह हमारे अनुमान उनकी भाषा गढ़ते थे
हम सोचते थे कि हमारा अनुमान ही सृष्टि की भाषा है
हम सोचते थे कि इस भाषा से
हम पूरे ब्रह्मांड को पढ़ लेंगे

Read More! Learn More!

Sootradhar