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हमें हाल-ए-दिल तुमसे कहना है

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हमें हाल-ए-दिल तुमसे कहना है
अगर हो सके मेरी आँखों में रहिए

ये कैसी मुझे तूने दी बेक़रारी
क़सक मीठी-मीठी लगन प्यारी-प्यारी
मोहब्बत में ये दर्द सहना है

ज़माने का हर जाल हँस-हँस के तोड़ें
कभी हम वफ़ाओं का दामन न छोड़ें
मोहब्बत की मौजों में बहना है

न मैं होश में हूँ न दिल होश में है
कि तू ही निगाहों के आग़ोश में है
मोहब्बत में मदहोश रहना है

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Sootradhar