फूलों और किताबों से आरास्ता's image
0124

फूलों और किताबों से आरास्ता

ShareBookmarks

फूलों और किताबों से आरास्ता[1] घर है
तन की हर आसाइश देने वाला साथी
आँखों को ठंडक पहुँचाने वाला बच्चा
लेकिन उस आसाइश, उस ठंडक के रंगमहल में
जहाँ कहीं जाती हूँ
बुनियादों में बेहद गहरे चुनी हुई
एक आवाज़ बराबर गिरयः[2] करती है
मुझे निकालो !
मुझे निकालो !

1सुसज्जित
2विलाप

Read More! Learn More!

Sootradhar