दश्त-ए-शब पर दिखाई क्या देंगी's image
0244

दश्त-ए-शब पर दिखाई क्या देंगी

ShareBookmarks

दश्त-ए-शब पर दिखाई क्या देंगी
सिलवटें रोशनी में उभरेंगी

घर की दीवारें मेरे जाने पर
अपनी तन्हाइयों को सोचेंगी

उँगलियों को तराश दूँ फिर भी
आदतन उस का नाम लिखेंगी

रंग-ओ-बू से कहीं पनाह नहीं
ख़्वाहिशें भी कहाँ अमाँ देंगी

एक ख़ुश्बू से बच भी जाऊँ अगर
दूसरी निकहतें जकड़ लेंगी

खिड़कियों पर दबीज़ पर्दे हों
बारिशें फिर भी दस्तकें देंगी

Read More! Learn More!

Sootradhar