राखी बांधत जसोदा's image
0261

राखी बांधत जसोदा

ShareBookmarks

राखी बांधत जसोदा मैया ।
बहु सिंगार सजे आभूषण गिरिधर भैया॥१॥
रतन खचित राखी बांधि कर, पुन पुन लेत बलैया।
सकल भोग आगे धर राखे, जनक जु लेहु कन्हैया ॥२॥
यह छबि देख मग्न नंद रानी, निरख निरख सचु पैया।
जियो जसोदा पूत तिहारो परमानंद बल जैया ॥३॥

Read More! Learn More!

Sootradhar