हर आन तुम्हारे छुपने से ऐसा ही अगर दुख पाएँगे हम's image
0197

हर आन तुम्हारे छुपने से ऐसा ही अगर दुख पाएँगे हम

ShareBookmarks

हर आन तुम्हारे छुपने से ऐसा ही अगर दुख पाएँगे हम

तो हार के इक दिन इस की भी तदबीर कोई ठहराएँगे हम

बेज़ार करेंगे ख़ातिर को पहले तो तुम्हारी चाहत से

फिर दिल को भी कुछ मिन्नत से कुछ हैबत से समझाएँगे हम

गर कहना दिल ने मान लिया और रुक बैठा तो बहत्तर है

और चैन न लेने देवेगा तो भेस बदल कर आएँगे हम

अव्वल तो नहीं पहचानोगे और लोगे भी पहचान तो फिर

हर तौर से छुप कर देखेंगे और दिल को ख़ुश कर जाएँगे हम

गर छुपना भी खुल जावेगा तो मिल कर अफ़्सूँ-साज़ों से

कुछ और ही लटका सेहर-भरा उस वक़्त बहम पहुँचाएँगे हम

जब वो भी पेश न जावेगा और शोहरत होवेगी फिर तो

जिस सूरत से बन आवेगा तस्वीर खिंचा मंंगवाएँगे हम

मौक़ूफ़ करोगे छुपने को तो बेहतर वर्ना 'नज़ीर' आसा

जो हर्फ़ ज़बाँ पर लाएँगे फिर वो ही कर दिखलाएँगे हम

Read More! Learn More!

Sootradhar