आनन की ओर चले आवत चकोर मोर,
दौर-दौर बार-बार बेनी झटकत हैं।
बैठ-बैठ 'शंकर' उरोजन पै राजहंस,
हार के तार तोर-तोर पटकत हैं॥
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आनन की ओर चले आवत चकोर मोर,
दौर-दौर बार-बार बेनी झटकत हैं।
बैठ-बैठ 'शंकर' उरोजन पै राजहंस,
हार के तार तोर-तोर पटकत हैं॥