विजन गिरीपथ पर's image
0209

विजन गिरीपथ पर

ShareBookmarks

विजन गिरीपथ पर चटखती पत्तियों का लास
हृदय में निर्जल नदी के पत्थरों का हास

'लौट आ, घर लौट' गेही की कहीं आवाज़
भींगते से वस्त्र शायद छू गया वातास ।

Read More! Learn More!

Sootradhar