![दिन बीता's image](https://kavishala-ejf3d2fngme3ftfu.z03.azurefd.net/kavishalalabs/sootradhar_post/namwar_singh_1550646771_618x347.jpeg)
दिन बीता,
पर नहीं बीतती,
नहीं बीतती साँझ
नहीं बीतती,
नहीं बीतती,
नहीं बीतती साँझ
ढलता-ढलता दिन
दृग की कोरों से ढुलक न पाया
मुक्त कुन्तले !
व्योम मौन मुझ पर तुम-सा ही छाया
मन में निशि है
किन्तु नयन से
नहीं बीतती साँझ
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दिन बीता,
पर नहीं बीतती,
नहीं बीतती साँझ
नहीं बीतती,
नहीं बीतती,
नहीं बीतती साँझ
ढलता-ढलता दिन
दृग की कोरों से ढुलक न पाया
मुक्त कुन्तले !
व्योम मौन मुझ पर तुम-सा ही छाया
मन में निशि है
किन्तु नयन से
नहीं बीतती साँझ