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रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

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रोया करेंगे आप भी पहरों इसी तरह

अटका कहीं जो आप का दिल भी मिरी तरह

 

आता नहीं है वो तो किसी ढब से दाव में

बनती नहीं है मिलने की उस के कोई तरह

 

तश्बीह किस से दूँ कि तरह-दार की मिरे

सब से निराली वज़्अ' है सब से नई तरह

 

मर चुक कहीं कि तू ग़म-ए-हिज्राँ से छूट जाए

कहते तो हैं भले की व-लेकिन बुरी तरह

 

ने ताब हिज्र में है न आराम वस्ल में

कम-बख़्त दिल को चैन नहीं है किसी तरह

 

लगती हैं गालियाँ भी तिरे मुँह से क्या भली

क़ुर्बान तेरे फिर मुझे कह ले उसी तरह

 

पामाल हम न होते फ़क़त जौर-ए-चर्ख़ से

आई हमारी जान पे आफ़त कई तरह

 

ने जाए वाँ बने है ने बिन जाए चैन है

क्या कीजिए हमें तो है मुश्किल सभी तरह

 

माशूक़ और भी हैं बता दे जहान में

करता है कौन ज़ुल्म किसी पर तिरी तरह

 

हूँ जाँ-ब-लब बुतान-ए-सितमगर के हाथ से

क्या सब जहाँ में जीते हैं 'मोमिन' इसी तरह

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Sootradhar