गर्भ से बाहर's image
0263

गर्भ से बाहर

ShareBookmarks

काले रंग को पहचानना असंभव होता है
सब ओर जब अंधकार हो
पर अगर देख सकते हैं हम
और कहते उसे स्याह
कैसा है सोचकर
तो कोई स्रोत तो होगा ही उसे देखने के लिए

वे आँख नहीं
वह मन नहीं
फिर क्या
जो कर दे अपनी पुष्टि
कैसे करूँ प्रमाणित कि सहमति हो जाय हमारे बीच
अपने अपने अंधेरे पर

भाषा ने परिभाषित कर
सीमित कर दिया अनुभूति को
गर्भ से बाहर
हम अंधेरा देख सकते हैं
या रोशनी की जरूरत भ्रम है!
या बस जन्मजात आदत है

कुछ देखने के लिए कि
कुछ लिख दूँ अंधेरे में
स्याही से
जो पढ़ा जा सके रोशनी की दुनिया में

Read More! Learn More!

Sootradhar