दो आवाजें's image
0230

दो आवाजें

ShareBookmarks


यह रक्त रंजित हाथ

खिड़की पर छाप जिसकी

यह ख़ुशी जिसकी

यह चीख़ जिसकी

यह मृत्यु किसकी

एक साथ बोल पड़ती है दो आवाज़े

मेरे भीतर से जैसे मेरे ही विरोध में

अपना कहती हुई

Read More! Learn More!

Sootradhar