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मिरी प्यारी अम्माँ - नज़्म

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कुछ मुझ में ताक़त थी जिस आन अम्माँ

अच्छे बुरे की थी पहचान अम्माँ

तुम्हीं सब तरह थीं निगहबान अम्माँ

तुम्हीं को था हर दम मिरा ध्यान अम्माँ

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

मुझे प्यार से दूध तुम ने पिलाया

थपक कर मोहब्बत से तुम ने सुलाया

बहुत दिन मुझे गोदियों में फिराया

मुझे सुख दिया आप है दुख उठाया

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

कभी अपनी गोदी में मुझ को लिटाना

कभी मीठी बातों से मुझ को हँसाना

कभी प्यार करना गले से लगाना

भूलूँगा मैं उम्र भर वो ज़माना

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

जो दुख से कभी नींद मुझ को आई

तो इस फ़िक्र में रात तुम ने गँवाई

कभी कुछ दवाई खिलाई पिलाई

कभी कोई मीठी सी लोरी सुनाई

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

तुम्हीं ने है अच्छा तरीक़ा सिखाया

तुम्हीं ने है रस्ता ख़ुदा का बताया

तुम्हीं ने गुनाहों से मुझ को बचाया

तुम्हीं ने मुझे आदमी है बनाया

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

बहुत की मिरे साथ तुम ने मोहब्बत

उठाई मिरे वास्ते सख़्त मेहनत

अगर दे ख़ुदा मुझ को उम्र और दौलत

तुम्हारी बजा लाऊँ हर तरह ख़िदमत

मिरी प्यारी अम्माँ मिरी जान अम्माँ

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Sootradhar