मतलब न काबे से न इरादा कनिश्त का's image
054

मतलब न काबे से न इरादा कनिश्त का

ShareBookmarks

मतलब काबे से इरादा कनिश्त का

पाबंद ये फ़क़ीर नहीं संग-ओ-ख़िश्त का

सरसब्ज़ हूँ जो आप दिखा दीजे ख़त-ए-सब्ज़

कुश्तों को खेत में अभी आलम हो किश्त का

उस हूर की जो गुल्शन-ए-आरिज़ की याद थी

देखा किया फ़िराक़ में आलम बहिश्त का

क्या मुंशी-ए-अज़ल की ये सनअत है देखना

माहिर नहीं किसी की कोई सरनविश्त का

नादान ए'तिराज़ है साने पे ग़ौर कर

बेजा है इम्तियाज़ यहाँ ख़ूब ज़िश्त का

'बर्क़' सैर करते हैं हम तो जहान की

हर कूचा-ए-सनम है नमूना बहिश्त का

Read More! Learn More!

Sootradhar