मुज़्दा ये सबा उस बुत-ए-बे-बाक को पहुँचा's image
061

मुज़्दा ये सबा उस बुत-ए-बे-बाक को पहुँचा

ShareBookmarks

मुज़्दा ये सबा उस बुत-ए-बे-बाक को पहुँचा

ये दूद-ए-दिल-ए-सोख़्ता अफ़्लाक को पहुँचा

पैग़ाम ज़बानी तो नसीबों में कहाँ था

नामा भी तेरा तिरे ग़मनाक को पहुँचा

सद-चाक किया पैरहन-ए-गुल को सबा ने

जब वो तिरी ख़ूबी-ए-पोशाक को पहुँचा

सहरा में 'हवस' ख़ार-ए-मुग़ीलाँ की मदद से

बारे मिरा ख़ूँ हर ख़स-ओ-ख़ाशाक को पहुँचा

Read More! Learn More!

Sootradhar