अपने का है गुनाह बेगाने ने क्या किया's image
0274

अपने का है गुनाह बेगाने ने क्या किया

ShareBookmarks

अपने का है गुनाह बेगाने ने क्या किया

इस दिल को क्या कहूँ कि दिवाने ने क्या किया

याँ तक सताना मुज को कि रो रो कहे तू हाए

यारो न तुम सुना कि फ़ुलाने ने क्या किया

पर्दा तो राज़-ए-इश्क़ से ऐ यार उठ चुका

बे-सूद हम से मुँह के छुपाने ने क्या किया

आँखों की रहबरी ने कहूँ क्या कि दिल के साथ

कूचे की उस के राह बताने ने क्या किया

काम आई कोहकन की मशक़्क़त न इश्क़ में

पत्थर से जू-ए-शीर के लाने ने क्या किया

टुक दर तक अपने आ मिरे नासेह का हाल देख

मैं तो दिवाना था पे सियाने ने क्या किया

चाहूँ मैं किस तरह ये ज़माने की दोस्ती

औरों से दोस्त हो के ज़माने ने क्या किया

कहता था मैं गले का तिरे हो पड़ूँगा हार

देखा न गुल को सर पे चढ़ाने ने क्या किया

'सौदा' है बे-तरह का नशा जाम-ए-इश्क़ में

देखा कि उस को मुँह के लगाने ने क्या किया

Read More! Learn More!

Sootradhar