नैना निपट बंकट छबि अटके's image
0536

नैना निपट बंकट छबि अटके

ShareBookmarks

नैना निपट बंकट छबि अटके।
देखत रूप मदनमोहन को, पियत पियूख न मटके।
बारिज भवाँ अलक टेढी मनौ, अति सुगंध रस अटके॥
टेढी कटि, टेढी कर मुरली, टेढी पाग लट लटके।
'मीरा प्रभु के रूप लुभानी, गिरिधर नागर नट के॥

Read More! Learn More!

Sootradhar