मोती मूँगे उतार बनमाला पोई's image
0510

मोती मूँगे उतार बनमाला पोई

ShareBookmarks

मोती मूँगे उतार बनमाला पोई॥
अंसुवन जल सींचि सींचि प्रेम बेलि बोई।
अब तो बेल फैल गई आणँद फल होई॥
दूध की मथनिया बडे प्रेम से बिलोई।
माखन जब काढि लियो छाछ पिये कोई॥
भगत देखि राजी हुई जगत देखि रोई।
दासी 'मीरा लाल गिरिधर तारो अब मोही॥

 

Read More! Learn More!

Sootradhar