पवित्र इच्छा की घडी में's image
0165

पवित्र इच्छा की घडी में

ShareBookmarks


व्यक्ति को
विकार की ही तरह पढ़ना
जीवन का अशुद्ध पाठ है।

वह एक नाज़ुक स्पन्द है
समाज की नसों में बन्द
जिसे हम किसी अच्छे विचार
या पवित्र इच्छा की घड़ी में भी
पढ़ सकते हैं ।

समाज के लक्षणों को
पहचानने की एक लय
व्यक्ति भी है,
अवमूल्यित नहीं
पूरा तरह सम्मानित
उसकी स्वयंता
अपने मनुष्य होने के सौभाग्य को
ईश्वर तक प्रमाणित हुई !

Read More! Learn More!

Sootradhar