तुम हमारे नहीं तो क्या ग़म है's image
0254

तुम हमारे नहीं तो क्या ग़म है

ShareBookmarks

तुम हमारे नहीं तो क्या ग़म है

हम तुम्हारे तो हैं ये क्या कम है

बाल बिखरे हैं आँख पुर-नम है

मर गया कौन किस का मातम है

हुस्न की शोख़ियाँ ज़रा देखो

गाह शो'ला है गाह शबनम है

मुस्कुरा दो ज़रा ख़ुदा के लिए

शम-ए-महफ़िल में रौशनी कम है

छा रही हैं घटाएँ सावन की

ज़ुल्फ़-ए-गर्दूं भी आज बरहम है

बन गया है ये ज़िंदगी अब तो

तुझ से बढ़ कर हमें तिरा ग़म है

चाक दामन है किस लिए गुल का

किस लिए अश्क-रेज़ शबनम है

महफ़िल-ए-रक़्स हो कि शे'र-ओ-शराब

तुम नहीं हो तो बज़्म-ए-मातम है

हर मसर्रत अलम का है परतव

जो ख़ुशी है अमानत-ए-ग़म है

इस में आँसू भी हैं तबस्सुम भी

ज़िंदगी इक तज़ाद-ए-पैहम है

शैख़ साहब जराहत-ए-दिल का

आप के पास कोई मरहम है

इस को सज्दे किए फ़रिश्तों ने

आदमी है ये इब्न-ए-आदम है

 

Read More! Learn More!

Sootradhar