साँझ के साँचे बोल's image
0114

साँझ के साँचे बोल

ShareBookmarks

साँझ के साँचे बोल तिहारे।
रजनी अनत जागे नंदनंदन आये निपट सवारे॥१॥
अति आतुर जु नीलपट ओढे पीरे बसन बिसारे।
कुंभनदास प्रभु गोवर्धनधर भले वचन प्रतिपारे॥२॥

Read More! Learn More!

Sootradhar