रसिकिनि रस में's image
0325

रसिकिनि रस में

ShareBookmarks

रसिकिनि रस में रहत गड़ी।
कनक बेलि वृषभान नन्दिनी स्याम तमाल चढ़ी।।
विहरत श्री गोवर्धन धर रति रस केलि बढ़ी।।

Read More! Learn More!

Sootradhar