प्रतिमाओं में पूजा उलझी's image
10K

प्रतिमाओं में पूजा उलझी

ShareBookmarks

प्रतिमाओं में पूजा उलझी
विधियों में उलझा भक्ति योग
सच्चे मन से षड्यंत्र रचे
झूठे मन से सच के प्रयोग
जो प्रश्नों से ढह जाए वो
किरदार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया

तुम निकले थे लेने स्वराज
सूरज की सुर्ख़ गवाही में
पर आज स्वयं टिमाटिमा रहे
जुगनू की नौकरशाही में
सब साथ लड़े, सब उत्सुक थे
तुमको आसन तक लाने में
कुछ सफल हुए निर्वीय तुम्हें
यह राजनीति समझाने में !
इन आत्मप्रवंचित बौनों का
दरबार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया

हम शब्द-वंश के हरकारे
सच कहना अपनी परम्परा
हम उस कबीर की पीढ़ी
जो बाबर-अकबर से नहीं डरा
पूजा का दीप नहीं डरता
इन षड्यंत्री आभाओं से
वाणी का मोल नहीं चुकता
अनुदानित राज्य सभाओं से.
जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे
हथियार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया?

 

Read More! Learn More!

Sootradhar