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चाहता वो है मोहब्बत में नुमाइश भी रहे | कुमार विश्वास

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सब तमन्नाएँ हों पूरी कोई ख़्वाहिश भी रहे 

चाहता वो है मोहब्बत में नुमाइश भी रहे 


आसमाँ चूमे मिरे पँख तिरी रहमत से 

और किसी पेड़ की डाली पे रिहाइश भी रहे 


उस ने सौंपा नहीं मुझ को मिरे हिस्से का वजूद 

उस की कोशिश है कि मुझ से मिरी रंजिश भी रहे 


मुझ को मालूम है मेरा है वो मैं उस का हूँ 

उस की चाहत है कि रस्मों की ये बंदिश भी रहे 


मौसमों से रहें 'विश्वास' के ऐसे रिश्ते 

कुछ अदावत भी रहे थोड़ी नवाज़िश भी रहे 

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Sootradhar